Complete Biography of Supreme Father Brahma and Complete Information about his Sons.
सनातन या आर्य धर्म को वर्तमान में हिंदू धर्म कहा जाता है। आचार्यों को गुरु भी कहा जाता है। आओ जानते हैं कि प्राचीन काल से लेकर अब तक कौन कौन से धर्मगुरु हो चले हैं।
ज्ञात इतिहास के अनुसार प्रारंभ में दो तरह की विचारधारा के अनुसार गुरुपद पर दो ऋषि प्रमुख थे।
पहले अंगिरा और दूसरे भृगु।
ज्ञात इतिहास के अनुसार प्रारंभ में दो तरह की विचारधारा के अनुसार गुरुपद पर दो ऋषि प्रमुख थे।
पहले अंगिरा और दूसरे भृगु।
अंगिरा के > पुत्र बृहस्पति के > पुत्र भरद्वाज
भृगु के पुत्र > शुक्राचार्य > पुत्र आर्वि और वेन
इसके अलावा अत्रि और अगस्त्य ऋषि भी महानगुरु थे।
वामदेव, शौनक, पुलह, पुलस्त्य आदि ऋषि भी हुए है जिन्होंने भिन्न काल या क्षेत्र में गुरुपद संभाला था।
उपरोक्त ऋषियों के बाद महर्षि वशिष्ठ, मार्कंडेय, मतंग, वाल्मीकि, विश्वामित्र, परशुराम और दत्तात्रेय ने सनातन धर्म की परंपरा को आगे बढ़ाया। उक्त के बाद ऋषि पराशर, कृपाचार्य, सांदीपनि और वेद व्यास ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। इसके बाद आद्य शंकराचार्य के काल तक अन्य गुरु हुए जिन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति का मार्गदर्शन किया।
भृगु के पुत्र > शुक्राचार्य > पुत्र आर्वि और वेन
इसके अलावा अत्रि और अगस्त्य ऋषि भी महानगुरु थे।
वामदेव, शौनक, पुलह, पुलस्त्य आदि ऋषि भी हुए है जिन्होंने भिन्न काल या क्षेत्र में गुरुपद संभाला था।
उपरोक्त ऋषियों के बाद महर्षि वशिष्ठ, मार्कंडेय, मतंग, वाल्मीकि, विश्वामित्र, परशुराम और दत्तात्रेय ने सनातन धर्म की परंपरा को आगे बढ़ाया। उक्त के बाद ऋषि पराशर, कृपाचार्य, सांदीपनि और वेद व्यास ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया। इसके बाद आद्य शंकराचार्य के काल तक अन्य गुरु हुए जिन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति का मार्गदर्शन किया।
महर्षि अगस्त्य को पुलस्त्य ऋषि का बेटा माना जाता है। उनके भाई का नाम विश्रवा था जो रावण के पिता थे।
हम यहां हिंदू धर्म के अनुसार चतुर्मुख प्रजापति ब्रह्मा के पूरी बायोग्राफी लिखने जा रहे हैं, उनके कितने पुत्र थे, और इन पुत्रों के कितनी संताने हुई, उनके विषय में उनकी पूरी जीवनी के विषय में अपने ब्लॉग में लिखने जा रहे हैं आप सभी से प्रार्थना कि हमारे मेहनत को ध्यान दें और हिंदू धर्म के सभी महान ऋषियों की जीवनी जाने।
पुराणों अनुसार भगवान विष्णु के नाभिकमल से आविर्भूत चतुर्मुख प्रजापति ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई।
फिर ब्रह्मा के 17 पुत्र और एक पुत्री शतरुपा का जन्म हुआ।
ब्रह्मा के उक्त 17 पुत्रों के अलावा भी उनके भिन्न-भिन्न परिस्थितिवश पुत्रों का जन्म हुआ।
आदि मिलाकर कुल 59 पुत्र थे ब्रह्मा के।
04. तामस मनु 05. रैवत मनु 06. चाक्षुष मनु
07. रुद्र सावर्णि मनु 08. सावर्णि मनु 09. दक्ष सावर्णि मनु
10. ब्रह्म सावर्णि मनु 11. धर्म सावर्णि मनु
12. देव सावर्णि मनु या रौच्य मनु
13. इन्द्र सावर्णि मनु या भौत मनु
14. वैवस्वत मनु या श्राद्धदेव मनु
04. अजैकपाद 05. अहिर्बुघ्न्य 06. शत्रुसंतापन पिनाकी
07. दहन 08. ईश्वर 09. परम कान्तिमान् कपाली
10. स्थाणु 11. भगवान भव
04. अह 05. अनिल 06. अनल
07. प्रत्यूष 08. प्रभास
04. पंचशिखा 05. वोढु 06. अपान्तरतमा
07. प्रचेता 08. हंस 09. यति
पुराणों अनुसार भगवान विष्णु के नाभिकमल से आविर्भूत चतुर्मुख प्रजापति ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई।
फिर ब्रह्मा के 17 पुत्र और एक पुत्री शतरुपा का जन्म हुआ।
ब्रह्मा के उक्त 17 पुत्रों के अलावा भी उनके भिन्न-भिन्न परिस्थितिवश पुत्रों का जन्म हुआ।
आदि मिलाकर कुल 59 पुत्र थे ब्रह्मा के।
ब्रह्मा की एक पुत्री:-
01. शतरुपा
ब्रह्मा के 17 मानस पुत्र :-
01. मन से मारिचि 02. नेत्र से अत्रि 03. मुख से अंगिरस
04. कान से पुलस्त्य 05. नाभि से पुलह 06. हाथ से कृतु
07. त्वचा से भृगु 08. प्राण से वशिष्ठ 09. अंगुष्ठ से दक्ष
10. छाया से कंदर्भ 11. गोद से नारद 12. ध्यान से चित्रगुप्त
13. शरीर से स्वायंभुव मनु 14. इच्छा से सनक 15. इच्छा से सनन्दन
16. इच्छा से सनातन 17. इच्छा से सनतकुमार
01. स्वायंभुव मनु 02. स्वरोचिष मनु 03. औत्तमी मनु04. कान से पुलस्त्य 05. नाभि से पुलह 06. हाथ से कृतु
07. त्वचा से भृगु 08. प्राण से वशिष्ठ 09. अंगुष्ठ से दक्ष
10. छाया से कंदर्भ 11. गोद से नारद 12. ध्यान से चित्रगुप्त
13. शरीर से स्वायंभुव मनु 14. इच्छा से सनक 15. इच्छा से सनन्दन
16. इच्छा से सनातन 17. इच्छा से सनतकुमार
ब्रह्मा के 14 मनु पुत्र :-
04. तामस मनु 05. रैवत मनु 06. चाक्षुष मनु
07. रुद्र सावर्णि मनु 08. सावर्णि मनु 09. दक्ष सावर्णि मनु
10. ब्रह्म सावर्णि मनु 11. धर्म सावर्णि मनु
12. देव सावर्णि मनु या रौच्य मनु
13. इन्द्र सावर्णि मनु या भौत मनु
14. वैवस्वत मनु या श्राद्धदेव मनु
ब्रह्मा के 11 रुद्र पुत्र:-
01. मृगव्याध 02. सर्प 03. महायशस्वी निर्ऋृति04. अजैकपाद 05. अहिर्बुघ्न्य 06. शत्रुसंतापन पिनाकी
07. दहन 08. ईश्वर 09. परम कान्तिमान् कपाली
10. स्थाणु 11. भगवान भव
ब्रह्मा के 8 वसु पुत्र:-
01. धर 02. ध्रुव 03. सोम04. अह 05. अनिल 06. अनल
07. प्रत्यूष 08. प्रभास
ब्रह्मा जी के अन्य 9 पुत्र:-
01. अधर्म 02. अलक्ष्मी 03. रुचि04. पंचशिखा 05. वोढु 06. अपान्तरतमा
07. प्रचेता 08. हंस 09. यति
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